ब्रिटिश लिंग्वा में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम।
भारतीय संस्कृति के महत्व एवं इसकी महानता का प्रति युवाओं में जाग्रति लेन हेतु स्पोकन इंग्लिश एवं व्यक्तिगत विकास के क्षेत्र में देश की अग्रणी संस्थान ब्रिटिश लिंग्वा ने अपनेमुख्यालय लक्ष्मि नगर में दीपावली के अवसर पर सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन किया। इस अवसर पर संस्थान के सैकड़ो छात्र छात्राओं की उपस्थिति में छात्रों ने अपने अंदर कीछिपी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और अपने विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में उपस्थित दर्शकों को भाव - विभोर कर दिया।
पुरे दिन चले इस आयोजन में विभिन्न आयु - वर्ग के छात्र - छात्राओं ने नृत्य, संगीत ,मिमिक्री ,मॉडलिंग आदि कार्यक्रमों के द्धारा न केवल लोगों का मनोरंजन किया बल्कि इसकेमाध्यम से लोगों को अपनी प्रतिभा से भी परिचित कराया। ज्ञातव्य है कि ब्रिटिश लिंग्वा इस प्रकार के कार्यक्रम प्रायः आयोजित करती रही है जिससे की युवाओं के कैरियर की जरूरतके अनुसार उनके व्यक्तिगत का विकास हो सके। आज के इस चुनौतीपूर्ण युग में युवाओं को मल्टी टैलेंटेड होने की आवश्यकता है ताकि वे अपनी क्षमता का प्रदर्शन जीवन के विभिन्नमंचों पर विश्वास के साथ कर सके।
इस सांस्कृतिक उत्सव का उद्घाटन करते हुए ब्रिटिश लिंग्वा के संस्थापक एवं दर्जनों पुस्तको के लेखक एवं प्रख्यात शिक्षाविद डॉ बीरबल झा ने कहा की ब्रिटिश लिंग्वा अपने स्थापनाकाल से ही इस प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन करती रही है जिससे की आज की युवा पीढ़ी अपने शिक्षा के साथ - साथ अपनी संस्कृति के महत्व को भी समझ सके। उन्होंने कहा की हम अंग्रेजी जरूर पढ़ाते है लेकिन अंग्रेजी संस्कृति से बचने की सलाह भी अपने छात्रों को देते है। विश्व में केवल भारतीय संस्कृति ही देने की बात करती है अन्य संस्कृतियां पानेया छीनने पर जोड़ देती है। हमारा धेय्य वाक्य " वसुधैव कुटुम्बकम " में ही दुनियां की भलाई है। दीपावली के महत्व की चर्चा करते हुए डॉ झा ने कहा कि दिन प्रभु श्रीराम लंका मेंरावण को पराजित करने के बाद अयोध्या वापस लौटे थे। जिसकी याद में हम दीपावली मनाते है।
इस अवसर पर डॉ झा ने उपस्थित छात्रों को राष्ट्र के उत्थान एवं इसकी प्रगति हेतु अपना जीवन समर्पित करने का शपथ दिलाया। उन्होंने कहा कि हमारा देश सोने की चिड़ियाँइसलिए नहीं था की हमारे पास सोना बहुत अधिक था , बल्कि इस सोने की चिड़ियाँ इसलिए कहा जाता था क्योंकि हम ज्ञान रूपी धन से विभूषित थे। हम विश्व गुरु के रूप में जानेजाते थे। एक बार पुनः भारत ज्ञान , शील और एकता के माध्यम से आतंकवाद पीड़ित विश्व का मार्गदर्शन करे, यही हमारा प्रयास होना चाहए
इस अवसर पर छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए श्री नसरत अहमद को मिस्टर ब्रिटिश लिंग्वा एवं सुश्री प्रतीक्षा किसन थापा को मिस ब्रिटिश लिंग्वा दिवा चुना गया और उन्हेंसम्मानित किया गया। साथ ही नसरत अहमद और सुश्री सुमन को नृत्य प्रतियोगिता का विजेता घोषित किया गया।
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